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फिर उसी बेवफा पे मरते हैं

फिर उसी बेवफा पे मरते हैं

फिर वही ज़िन्दगी हमारी है

बेखुदी बेसबब नहीं ग़ालिब

कुछ तो है जिस की पर्दादारी है |

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