AJJan 27, 20231 min read फिर उसी बेवफा पे मरते हैंफिर उसी बेवफा पे मरते हैंफिर वही ज़िन्दगी हमारी हैबेखुदी बेसबब नहीं ग़ालिबकुछ तो है जिस की पर्दादारी है |
फिर उसी बेवफा पे मरते हैंफिर वही ज़िन्दगी हमारी हैबेखुदी बेसबब नहीं ग़ालिबकुछ तो है जिस की पर्दादारी है |
बे-वजह नहीं रोता इश्क़ में कोईबे-वजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब, जिसे खुद से बढ़ कर चाहो वो रूलाता ज़रूर है |
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